इस संबंध में सुस्थापित सिद्धांत है कि द.प्र.सं. की धारा-313 के अधीन की गई परीक्षा मात्र औपचारिकता नहीं है इसका प्रयोजन अभियुक्त के अभियोगो को सिद्ध करने के लिए अभियोजन पक्ष द्वारा अभिलेख पर प्रस्तुत तथ्य समग्री को उसकी जानकारी देना होता है। अभियुक्त को उसके विरूद्ध अपराध में फंसाने वाली जो परिस्थितियां है उन्हें स्पष्ट करने का अवसर प्रदान किया जाता है और अभियोजन पक्ष द्वारा अभिलेख पर प्रस्तुत किये गये साक्ष्य की पृृष्ठभूमि में उसमें अपनी बात कही जाती है ।
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